प्रशान्त ‘बेबार’

‘बेबार’ शब्द का अर्थ है जिसे शब्दों में बयाँ न किया जा सके, मगर अपने इन्हीं शब्दों के ज़रिये बेबार कई गहरे अर्थ गढ़ने वाली नज़्मों एवं कहानियों की रचनाएँ कर चुके हैं। बेबार पिछले डेढ़ दशक से निरंतर नज़्मों और अफ़सनों के ज़रिए सामाजिक-मानवीय जटिलताओं के एहसास कहते सुनते रहे हैं। नज़्म, ग़ज़ल और कहानी लेखन के साथ- साथ, बेबार ने लगभग दर्ज़न भर गीतों की भी रचना की है। उनकी कविताएँ और कहानियाँ अमर उजाला, यूनिक समय, परिकथा, स्वर्ग-विभा, साहित्य मंजरी, इत्यादि तमाम साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। प्रशान्त ‘बेबार’ पी.डब्लू.ओ (पोयट्री वर्ल्ड ऑर्गनाईज़ेशन) के ‘अल्फ़ाज़ 2019’और ‘विंगवर्ड काव्य पुरस्कार 2019’ से भी पुरस्कृत हैं तथा अनेक संगोष्ठियों में भागीदारी रखते हैं। अख़बार-पत्रिका के अलावा सोशल-मीडिया के ज़रिए भी ‘बेबार’ अपनी बात वक़्त-दर-वक़्त लोगों तक पहुँचाते रहते हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में गहरी दिलचस्पी और सक्रियता उनकी रचनाओं में बख़ूबी उजागर है।

Prashant ‘Beybaar’ is a hindustani poet who has been writing for more than one and half decade and has composed over five hundreds poems, dozens of soulful lyrics and an active contributor in literary magazines of India. Beybaar is a performer who always impacts the heart of the audience with a message in his
performance.

  • PWO Alfaaz 2019 winner
  • Wingword Poetry prize 2019
  • Book ‘Dareeche’ going to be launched soon.
  • Noor-Afza Anthology co-author
  • Fonder Anthology co-author
  • Poetry & You by Lab Academia Anthology co-author
  • Kahaniyan Allahabad ki Anthology co-author
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