Poems

फिर मुस्कुरायेगा हिन्दोस्तान

फिर मुस्कुरायेगा हिन्दुस्तान – Love and Hope जानां, मैं क़ैद में करवट बदल रहा हूँ नींद में नाज़नीं ख़्वाबों से उलझ रहा हूँ ख़्वाबों में तुम्हारे गेसू महकते हैं मैं…

फ़ासला रखो

नज़्म का उन्वान : फ़ासला रखो ओ ! मेरे अज़ीज़ो-अकरबा ओ ! मेरे हमनफ़स, मेरे हमदम यक़ीनन अभी ग़मगीं है ज़िन्दगी दिल ख़ौफ़ज़द है और आँखें नम वबा के दहाने…

छुपन-छुपाई

छुपन-छुपाई में देखो कैसे कब से सदियाँ बीत रही हैं दिन छुपता फिरता रातों से रातें छुप-छुपके बीत रही हैं दिन लुढ़क रहा है फैल रहा रात का बँधके चलना…

इश्क़ बवाली

जब से तेरी आवाज़ की बाली इन कानों में डाली है मेरे छोटे छोटे ख़्वाबों की नींदों पे बड़ी सवाली है ज़माने को लाख मनाया मगर मेरा ऐतबार नहीं कहे…

मुँह मीठा

दीनू ने जो भी बोया जो भी नुकाया सब एक गठरी में बाँध कंधे पे रख लाया है भरी दुपहरी बाँधी है मूसल बूँदों का है हिसाब दो आने को…

बड़ी बेआबरू

बड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगी, कि जीने का सलीका भी नहीं जानती रहती है ख़ुद क़िताबों में क़ैद हमें अपना एक सफ़हा तक नहीं मानती अब कहाँ वो नीम…

क्या सुनाऊँ तुझे

क्या सुनाऊँ तुझे काश ख़ुदा करे, रहूँ जुस्तुजू में तेरी, और फिर न पाऊँ तुझे मगर ये हो नहीं सकता कि भूल जाऊँ तुझे छाई रहे तू मेरी रूह पे…

ज़िन्दगी ख़त्म से शुरू होती

बड़ी अजीब सी है ये ज़िंदगी और बड़ी अजीब इसकी शुरुआत सुना था, चिंगारी से लौ बनती है पर यहाँ तो दो लौ मिल एक चिंगारी पैदा करती हैं शुरुआत…

हौसला फिर जगमगाया देर तक

हौसला फिर जगमगाया देर तक जलती रातों को बुझाया देर तक थक के तारे उस फ़लक के सो गए जुगनू इक था टिमटिमाया देर तक साँसों की वो डोर को…

फूल दिल तक़दीर में आए बहुत

फूल दिल तक़दीर में आए बहुत पर हमें पत्थर के मन भाए बहुत //१ पाँव के छालों से रक्खा राबता राह के काँटें भी शरमाए बहुत //२ जान लेकर भी…
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