Stories

उम्मीद

“आराम से…आराम से पैर रखना, देख कर …नीचे सीढ़ी है”, अक्षत अपनी बीवी आरती को बाँह से पकड़ कर सहारा देते हुए बालकॉनी में ले जाता है । आरती बेफ़िक्री…

खोना-पाना

“समर्थ…समर्थ …..ऐ समर्थ.. एक तो यह लड़का सुनता नहीं है बिल्कुल भी”, सुधा अपने बारह बरस के बच्चे को हर कमरे में खोजती हुई घूम रही है । बाहर के…

मिट्टी

“वाह मिश्रा जी वाह ! क्या गाना बनाया है !”, सनी सोफ़े पर बैठा हुआ अचानक टीवी की तरफ़ झुककर ज़ोर से बोला । कमरे में बैठे बाक़ी सभी ने…

अबे ! पलट

“अबे..ओ..पैसे देता है या दूँ एक, साला कब से मन भर के पी नहीं है। बाप की ज़रूरत नहीं समझता नालायक कहीं का। तेरा नाम यत्थू नहीं ‘थू’ होना चाहिये”,…
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