22 May 2020Last Rituals- A satireधड़ाक!! बस ज़ोर की आवाज़ आयी कानों में एक सीटी का शोर हुआ मैं छटक कर सड़क किनारे आ जल्दी से उठ खड़ा हुआ आह ! शुक्र है मैं बच…
22 May 2020कच्ची दीवारमेरे घर की कच्ची दीवार क्या गिरी, लोगों ने अपने अपने रस्ते बना लिए। बहुत दूर तल चलके, कदम यूँ उलझे, साथ देने वालों ने कंधे हटा लिए। कुछ ख़्वाबों…
22 May 2020बड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगीबड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगी, कि ख़ुद जीने का तरीका भी नहीं जानती रहती है ख़ुद क़िताबों में क़ैद हमें अपना एक सफा तक नहीं मानती। अब कहाँ वो…