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Last Rituals- A satire

धड़ाक!! बस ज़ोर की आवाज़ आयी कानों में एक सीटी का शोर हुआ मैं छटक कर सड़क किनारे आ जल्दी से उठ खड़ा हुआ आह ! शुक्र है मैं बच…

कच्ची दीवार

मेरे घर की कच्ची दीवार क्या गिरी, लोगों ने अपने अपने रस्ते बना लिए। बहुत दूर तल चलके, कदम यूँ उलझे, साथ देने वालों ने कंधे हटा लिए। कुछ ख़्वाबों…

बड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगी

बड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगी, कि ख़ुद जीने का तरीका भी नहीं जानती रहती है ख़ुद क़िताबों में क़ैद हमें अपना एक सफा तक नहीं मानती। अब कहाँ वो…
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