अबे ! पलट

अबे ! पलट

“अबे..ओ..पैसे देता है या दूँ एक, साला कब से मन भर के पी नहीं है। बाप की ज़रूरत नहीं समझता नालायक कहीं का। तेरा नाम यत्थू नहीं ‘थू’ होना चाहिये”,…
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