इश्क़ बवाली

इश्क़ बवाली

जब से तेरी आवाज़ की बाली इन कानों में डाली है मेरे छोटे छोटे ख़्वाबों की नींदों पे बड़ी सवाली है ज़माने को लाख मनाया मगर मेरा ऐतबार नहीं कहे…
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