8 Jul 2020इससे बढ़कर मैं और क्या करता- ग़ज़लइससे बढ़कर मैं और क्या करता नाम उसके मिरी रज़ा करता उससे कैसे भला गिला कर दूँ मरके भी दिल जिससे वफ़ा करता बह गयी आँख से मुहब्बत सब कब…