घर झगड़ा

घर झगड़ा

नक़ली हँसी की कोशिश झूट-मूट जाती है माँ को रोता देखूँ तो किस्मत फूट जाती है घर के पहिये जब अलग अलग भागें तो गाड़ी की रफ़्तार अक्सर छूट जाती…
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