छुपन-छुपाई

छुपन-छुपाई

छुपन-छुपाई में देखो कैसे कब से सदियाँ बीत रही हैं दिन छुपता फिरता रातों से रातें छुप-छुपके बीत रही हैं दिन लुढ़क रहा है फैल रहा रात का बँधके चलना…
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