8 Jul 2020धत्त पगली ज़िन्दगीक्या अजब सवाल करती है ये जीना बेहाल करती है मंज़िल से इक क़दम पहले ये पक्का बवाल करती है ऐ ज़िन्दगी, धत्त पगली ज़िन्दगी… गुड़ की डली में लिपटी…