पहले जैसी सहर नहीं आती

पहले जैसी सहर नहीं आती

पहले जैसी सहर नहीं आती कोई शबनम नज़र नहीं आती //१ होती है बस ज़माने की चर्चा बस उसी की ख़बर नहीं आती //२ सारे कूचे सबा ये फिरती है…
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