फ्लाईओवर के नीचे

फ्लाईओवर के नीचे – आरुषि

बैसाखी है तो रहने दो, टखने से ख़ून रिसता है तो बहने दो । पिछली दफ़ा भी किसी ने रहम खाकर बायीं टाँग की मरम्मत करवाई थी दुरुस्त हुआ पैर…
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