लोग बैठे हैं जिगर को थाम के

लोग बैठे हैं जिगर को थाम के

लोग बैठे हैं जिगर को थाम के //१ ऐसे क्या किस्से तुम्हारे नाम के दिन तो सारे मुफ़लिसी में ढल गए हैं रईसी के नज़ारे शाम के //२ तुम शहर…
Menu