8 Jul 2020सन्नाटों में शोर हैआदमी की क़ैद में यहाँ मौत है चलती हुई जिस्म की बोटी-बोटी है रेत में मिलती हुई तुम कहो, कैसे तुम्हें यूँ घर में बैठे ग़म हुआ कौन सा बेटा…