ज़रा ठहर के आना

सुनो, ज़रा ठहर के आना

जो इक वादा था तुमसे, फ़िज़ा में खिलखिलाने का कहकशाँ में डूब जाने का जूड़े में तुम्हारे चाँद टिकाने का उगते सूरज को सीने से लगाने का जानां इस ख़्वाहिश…
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