फ़ासला रखो

फ़ासला रखो

नज़्म का उन्वान : फ़ासला रखो ओ ! मेरे अज़ीज़ो-अकरबा ओ ! मेरे हमनफ़स, मेरे हमदम यक़ीनन अभी ग़मगीं है ज़िन्दगी दिल ख़ौफ़ज़द है और आँखें नम वबा के दहाने…
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