kya sunaoon tujhe

क्या सुनाऊँ तुझे

क्या सुनाऊँ तुझे काश ख़ुदा करे, रहूँ जुस्तुजू में तेरी, और फिर न पाऊँ तुझे मगर ये हो नहीं सकता कि भूल जाऊँ तुझे छाई रहे तू मेरी रूह पे…
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