Poetry and You

Poetry and You

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश: ज़रा ठहर के आना जो इक वादा था तुमसे, फ़िज़ा में खिलखिलाने का कहकशाँ में डूब जाने का जूड़े में तुम्हारे चाँद टिकाने का…
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